Tuesday, October 29, 2013

बेचने वाले बड़े अजीब होते हैं.

this is called perfect business
बेचने वाले बड़े अजीब होते हैं.
अपने गम को तो बक्शा नहीं .
कभी किसी भूखे बच्चे की तस्वीर बेच दी,
कभी किसी अपाहिज की तकदीर बेच दी.
मांगा जब हिसाब उससे
तो इंसानियत की जंजीर भेज दी.
कभी भूकंप की तबाही को बेचा ,
तो कभी सहादत की स्याही की बेचा 
कभी बाढ़ का खौफ, फांसी का उत्सव बेचा
और कभी अकाल का भूख और गिद्धों के करलव को बेचा
कभी युद्ध की दीवाली तो कभी बलात्कार का सच बिक गया
तो कभी अराजकता  और कभी अपनी ही हाहाकार को बेचा
सच में....सचमुच...बेचने वाले ने खूब फायदा-नफा कमाया है. आज दावत है.
#indianmedia
#pseudohumanright
#artofphotography

1 comment:

Aakanksha Mishra said...

बहुत खूब।